हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, शिया समुदाय के उभरते राजनीतिक और सामाजिक नेता अफ़ज़ल दाउदानी ने महाराष्ट्र के विद्वानों और महाराष्ट्र सरकार के एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल की एक संयुक्त बैठक बुलाई। इस बैठक का एजेंडा था कि शियाओं को वो अधिकार मिलें जो भारत सरकार या प्रांतीय सरकारें अल्पसंख्यकों को देती हैं।
इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए अफजल दाउदानी ने महाराष्ट्र के शिया उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना असलम रिज़वी की अध्यक्षता में महाराष्ट्र के विद्वानों और सरकार में शामिल महत्वपूर्ण लोगों की एक बैठक बुलाई, जिसमें मुंबई से लगभग पचास विद्वान शामिल थे। इसी तरह मीडिया से जुड़े करीब 15 से 20 पत्रकार और कुछ आस्थावान भी मौजूद थे।
महाराष्ट्र के एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्तित्व इदरीस मुल्तानी ने अपने भाषण और प्रेस कॉन्फ्रेंस दोनों में उनकी मेजबानी के लिए अफ़ज़ल दाउदानी को धन्यवाद दिया और कहा कि हम अफ़ज़ल दाउदानी से बहुत आशान्वित हैं। शियाओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए, हमने एक प्रयास शुरू किया है अफ़ज़ल दाउदानी साहब के साथ विद्वानों का एक समूह मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मिलकर उनके सामने अपनी मांग रखेगा।
बैठक के अध्यक्ष मौलाना असलम रिजवी ने पत्रकारों से कहा कि इस महत्वपूर्ण बैठक को कमजोर करने के लिए अफवाह फैलायी जा रही है कि यह कार्यक्रम भाजपा के समर्थन के लिए किया गया है। जबकि अफवाह फैलाने वालों को पता है कि वे अफवाहें फैला रहे हैं, सरकार से उनके अधिकारों के लिए पूछना उनका समर्थन नहीं है।
सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों को बहुत सारे अधिकार दिए गए हैं जो किसी कारणवश हमें नहीं मिल पाए, अब भारत के कानून के दायरे में रहते हुए उन सभी को एक साथ मिलना जरूरी है और इस पर संदेह उठाना ठीक नहीं है। एक सक्रिय युवा हमारे देश का आदमी अफजल दाउदानी इस दर्द को लेकर आगे आए हैं इसलिए इसका राजनीतिकरण न करें, यह देश का मामला है इसलिए सभी को एक साथ आगे आना चाहिए।
मौलाना असलम रिज़वी के अलावा, मौलाना अजीज हैदर, सचिव शिया उलेमा बोर्ड महाराष्ट्र, जुनैद खान, वसीम खान, अफजल दाउदानी और कुछ अन्य लोगों ने इस महत्वपूर्ण विषय पर प्रकाश डाला और मौलाना ज़हीर जाफ़री भी उपस्थित थे इस बैठक का आयोजन मौलाना अली अब्बास वफ़ा ने किया और इसके संयोजक मौलाना अली अब्बास और ताबिश सैयद थे।
कार्यक्रम का आयोजन आईवीटी एवं जाफरी वेलफेयर सोसायटी रजिस्टर्ड के बैनर तले किया गया। उलेमा और आये हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया गया।